
पेट पैरंट बनते ही हम अपने डॉग के लिए सबसे जरूरी चीज डॉग कॉलर लेना नहीं भूलते। कौन से रंग का कॉलर डॉग पर अच्छा लगेगा, उसका डिजाइन कैसा होगा, हम सब ये चीजें देखते हैं, लेकिन कॉलर का पेट की हेल्थ से भी बड़ा ताल्लुक है। आप कॉलर को लेकर कैसी गलती करते हैं, क्या लें, क्या नहीं, पेश है एक रिपोर्ट:
Gaurav.Khare@timesgroup.com
क्सर पेट पैरंट डॉग के गले में कॉलर डालकर सोचते हैं कि बस डॉग कॉलर दिखने में अच्छा होना चाहिए। इसके बाद जब कॉलर डॉग के गले में बांध दिया जाता है, तो हमारी कई गलतियां डॉग की बॉडी पर गहरा प्रभाव छोड़ती हैं। ऐसे में आपको पता होना चाहिए कि हमारी कम जानकारी डॉग के लिए भी परेशानी बन सकती है।
कॉलर खींचना कर दें बंद
अक्सर पेट पैरंट में देखा गया है कि वह अपने डॉग को वॉक पर ले जाते समय रास्ते में उनको बेल्ट से खींचने लगते हैं। ये ही नहीं कई बार खुद डॉग ही भागने की कोशिश करता है, तो हम उसे रोकने के लिए बेल्ट को टाइट पकड़ लेते हैं। ऐसे में डॉग के गले पर दबाव पैदा होता है और आपके डॉग को गले में समस्या हो सकती है। इससे डॉग को इंजर्ड ट्रेशिया (injured trachea) की समस्या भी हो सकती है, जिससे डॉग में खर्राटे, खांसी जैसी प्रॉब्लम सामने आती है। कुछ डॉग हाइपो डायरेडिजम से भी पीड़ित हो जाते हैं। ऐसे में कम इम्यूनिटी होने के कारण डॉग कैंसर का भी शिकार हो सकता है।
अच्छा विकल्प है डॉग हार्नेस
आजकल डॉग कॉलर की जगह डॉग हार्नेस का चलन बढ़ा है। जिन लोगों को लगता है कि वे कॉलर से डॉग नियंत्रित कर पाते हैं, तो जान लीजिए कि डॉग हार्नेस के जरिए डॉग को नियंत्रित करना ज्यादा आसान होता है, इससे उनके गले पर भी दबाव नहीं बनता है। हार्नेस से शरीर के बड़े हिस्से पर दबाव बनता है, जिससे डॉग की गर्दन और पीठ पर तनाव कम हो जाता है। इससे पैरंट के लिए डॉग काे मैनेज करना भी आसान हो जाता है। अगर ज्यादा छोटे नस्ल के डॉग हैं, तो उनके के लिए भी हार्नेस ज्यादा बेहतर होता है। अगर बड़ी ब्रीड का डॉग है, तो आपको डॉग को वॉक कराना आसान हो जाता है और आपकी बांहों पर भी स्ट्रेस नहीं होता। इससे जहां डाॅग को ट्रेनिंग भी देना हार्नेस के साथ अासान हो जाता है, वहीं टॉय ब्रीड के डॉग्स को गर्दन में होने वाली इंजरी से भी बचाता है। ये भी जान लीजिए हार्नेस के दो प्रकार होते हैं, पहला जिसमें फ्रर्ट से अटैच, दूसरा बैक अटैच वाला हार्नेस। फ्रंट अटैच हार्नेस बड़ी ब्रीड डॉग के लिए बेहतर होता है, वहीं बैक अटैच हार्नेस स्मॉल ब्रीड के लिए बेहतर होता है।
पैरंट की जिम्मेदारी है ये
सबसे पहले तो आपको ध्यान देना होगा कि डॉग के गले पर किसी तरह का दबाव ना बने। चाहे बड़े हों या बच्चे अपनी तरफ से कभी डाॅग को बेल्ट से जबरदस्ती खींचने से बचना चाहिए। ऐसे में अगर आप कॉलर लें तो इस बात का ध्यान रखें कि कॉलर टाइट ना हो। अगर आपके पास पपी है तब आपको कॉलर लेते समय आपको ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। डॉग को जबरदस्ती बांध कर ना रखें।
ये भी रखें याद
- चाहे आप कॉलर लें या हार्नेस दोनों में आइडेंटिटी फिकेशन टैग होना चाहिए। जिसमें उसका माइक्रोचिप नंबर, पैरंट का नाम, उसका नंबर, पता और एमसीबी टोकन होता है, जिससे डॉग की पहचान होती है। अगर ऐसे में आपका डॉग खो जाता है तो उसे पहचानने में आसानी होती है।
- अगर आप कॉलर ले रहें तो नायलॉन का ऐसा कॉलर लें जिसके अंदर की तरफ सॉफ्ट मैमोरी फोम या पैडिंग हो।
- लैदर का कॉलर हार्ड होता है इसलिए उसे छोटी ब्रीड के डॉग के लिए कतई नहीं लेना चाहिए, हालांकि बड़ी ब्रीड के लिए भी ये आइडल कॉलर नहीं हैं, लेकिन बड़ी ब्रीड को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाता है।
- स्टील, मैटल से बने या चॉक कॉलर को बिलकुल भी नहीं खरीदना चाहिए।
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